AnonymousAug 30, 20181 minThakur Shri Bankey Bihari Lalमाई री सहज जोरी प्रगट भई जु रंग की गौर-स्याम घन-दामिनि जैसे !! !! प्रथमहू हुती अबहूँ आगै हूँ रहि न टरिहैं तैसें अंग अंग की उजराई सुघराई च...